Ad Banner

हज़रत सलमान फारसी रज़ियल्लाहु अन्हु और ख़ौफे खुदा | hajrat salman farshi r a beutiful story | in hindi

हज़रत सलमान फारसी रज़ियल्लाहु अन्हु और ख़ौफे खुदा | hajrat salman farshi r a beutiful story | in hindi
islamic story


हज़रत हसन बसरी रह० ने फरमाया कि अगर तुम्हारा दुश्मन अल्लाह का नाफरमान है तो तुझे बदला लेने की कोई ज़रूरत नहीं है। अल्लाह तआला खुद अपने नाफरमान से बदला चुकाएगा। जो मुजरिम बनकर मर गया तो किस इबरतनाक तरीके से कब्र उसका हसर करेगी। सारी दुनिया के इन्सानों को इस आने वाले दिन से बचाना है और अपने आपको भी बचाना है। गर्मी सर्दी से भी बचाना है यह हुक्रूक का मामला है लेकिन अपने आपको जहन्नम की आग से बचाने के लिए अल्लाह तआला ने फरमाया,


وقو انفسكم واهلیکم نارا وقودها الناس… الخ


  • जिस आग का ईंधन हम और आप हैं। इस आयत को सुनने के बाद हज़रत सलमान फ़ारसी रज़ियल्लाहु अन्हु रोते हुए बाहर निकल गए, तीन दिन गाएब रहे और किसी को नहीं मिले। आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया उनको तलाश करो, जब तलाशी हुई तो पहाड़ों में बैठे हुए थे। सिर पर मिट्टी पड़ी हुई थी और रो रहे थे कि हाय उस आग की हालत क्या होगी जिस का ईंधन इन्सान और पत्थर हैं। उनको पकड़कर आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की ख़िदमत में लाया गया तो फरमाया कि इस आयत ने मुझे बेकरार कर दिया। आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया कि आप उनमें से नहीं हैं, सलमान तू तो वह है जिसको जन्नत खुद चाहती है। जिसको जन्नत चाहे वह जंगलों और पहाड़ों में निकल जाए और जिसको कुछ पता ही नहीं जन्नत और जहन्नम का वह मज़े की नींद सो जाए।


एक सहाबी तहज्जुद की नमाज़ में रो रहे हैं कि ऐ अल्लाह! जहन्नम की आग से बचा। आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने आकर देखा और फरमाया अरे भाई तूने क्या कर दिया तेरे रोने


की वजह से आस में सफे मातम बिछी हुई है तेरे रोने ने फरिश्तों को रुला दिया ऐसा दर्द व ग़म उनके अन्दर उतर



तेरे रोने ने फरिश्तों को भी रुला दिया


मेरे भाईयो! क्या करें कभी तो बैठकर इतना रोना आता है कि हम कहाँ से कहाँ चले गए। एक लड़के की दुआ पर आसमान से फ़रिश्ते उतरते थे। एक नौजवान सहाबी अपने घर में नमाज़ पढ़ रहे थे, दोज़ख़ की आयत पढ़कर चीख निकली। आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम गली में से गुज़र रहे थे। आपने रोने की आवाज़ को सुना। मस्जिद में वह सहाबी जब नमाज़ पढ़ने के लिए आए तो आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया अरे अल्लाह के बन्दे ! आज तेरे रोने ने आसमान के बेशुमार फरिश्तों को रुला दिया। ऐसे जवान थे जिनके रोने पर फरिश्ते रोया करते थे।


देखो मेरा बन्दा ऐसा होता है


एक नौजवान ने दोज़ख़ का ज़िक्र सुना और कपड़े उतारे और जाकर रेत पर लेट गया और तड़पने लगा और कहने लगा ऐ नफ्स ! देख दोज़ख़ की आग। यह रेत की आग बर्दाश्त नहीं तो दोज़ख़ की आग कैसे बर्दाश्त करेगा? रात को मुर्दार बनकर सारी रात सोता है और दिन को बेकार फिरता है, तेरा क्या बनेगा? हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम यह सारा मंज़र देख रहे थे । फरमाया इधर आ तुझे खुशखबरी सुनाऊँ, तेरें लिए आसमान के



Leave a Comment