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वाक्य हजरत उज्जैर अ स का | hazrat uzair a s ka vakya | in hindi

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दोस्तों अस्सलामु अलैलेकुम कायनात में अल्लाह ताला के कुदरत के करिश्मे हमेशा दिखाई देते हैं जिससे अल्लाताला के कुदरत ओर जलाल  का पता चलता है ऐसा ही एक वाक्य हजरत उजैर अलैहिस्सलाम का है जिनकेमुतालिक मशहूर है के उन्हें सारी तोरात जुबानी याद थी उस वक्त के बादशाह ने शाम पर हमला करके बैतूल मुकद्दस को वीरान कर दिया था 


और बहुत से इसराइलयो को कैद कर के अपने साथ ले गया था उनमें हजरतउज़ैर अलैहिस्सलाम भी थे कुछ मुद्दत बाद दोबारा रिहाई हुई फिर वह वापस अपने वतन आ रहे थे के रास्ते में एकउजड़ा हुआ शहर देखा जो उस वक्त के बादशाहा के (prophet storys in hindi) नतीजे में वीरान हुआ था उसे देख कर आपके दिल में यह ख्याल आया के 


अल्लाह ताला इस बस्ती को।कब और कैसे आबाद करेगा क्या यह मुमकिन है के इस बस्ती के रौनक धनक अपनी पुरानी हालत में आ जाएउस वक्त आप अलैहिस्सलाम एक गधे पर सवार के और उस वक्त आपके साथ कुछ सामान भी था इस ख्याल के आते ही अल्लाह ताला ने आपकी रूह कब्ज कर ली और पूरे 100 साल मौत की नींद सुलाकर उन्हें फिर दोबारा जिंदा करके पूछा 


कितनी मुद्दत इस ख्याल में पड़े रहे हो अब उज़ैर अलैहिस्सलाम के पास सूरज के सिवा वक्त मालूम करने का दूसरा कोई जरिया नहीं था जब जा रहे थे तब पहला पहर था और अब दूसरा पहर कहने लगे यही बस दिन का कुछ हिस्सा या मुमकिन हो के दूसरा दिन हो उससे ज्यादा इंसान कभी नहीं सोता अल्लाह ताला नेफरमाया देखो तुम 100 साल यहां पड़े रहे हो 


जब हजरत उज्जैर अलैहिस्सलाम ने अपने बदन और जिस्मानी हालत देखी तो फरमाया के यह वही दिन है जो मुझ पर नींददारी हुई थी (prophet storys in hindi) लेकिन जब अपने गधे की तरफ देखा तो उसकी हड्डियां तक पोसीदा हो गई थी तो समझे कि वाकई 100 साल हो गए हैं होंगे उनके देखते ही देखते गधे की हड्डियों में हरकत पैदा होने लगी 


फिर वह जुड़ने लगी फिर हड्डियों पर गोश्त वोस्ट चढ़ा और देखते ही देखते गधा जिंदा होकर खड़ा हो गया  फिर आपने बस्ती की तरफ नजर दौड़ाई तो वह बिल्कुल पहले की तरह आबाद थी हजरत उज्जैऱ अलैहिस्सलाम 100 साल के बाद जिंदा होने के बाद शहर का दौरा फरमाते हुए उस जगह पहुंच गए जहां एक 100 बरस पहले आपका मकान था 


ना किसी ने आपको पहचाना और ना ही आप किसी को पहचान सके हां अलबत्ता यह देखा के एक बहुत बूढ़ी और अपाहिज औरत मकान के पास बैठी है जिसने अपने बचपन में हजरत उज्जैर अलैहिस्सलाम को देखा हुआ था आपने उससे पूछा के क्या यह उज्जैर का मकान है तो उसने जवाब दिया जी हां यह उज्जैर का मकान है मगर आप उज्जैर के बारे में क्यों पूछ रहे हैं 


वह तो 100 साल से लापता है यह कहकर बढ़िया रोने लगी तो आपने फरमाया के ए बुढ़िया (prophet storys in hindi) मैं ही उज्जैर हूं तो बुढ़िया ने कहा सुभान अल्लाह आप उज्जैर कैसे हो सकते हैं आपने फरमाया के ए बुढ़िया मुझको अल्लाह ताला ने शो बरस तक मुर्दा रखा फिर मुझको दोबारा जिंदा कर दिया और मैं अपने घर आ गया हूं 


बुढ़िया ने कहा के हजरत उज्जैर अलैहिस्सलाम ऐसे बा कमाल थे के उनकी हरदुआ कबूल होती थी अगर आप वाकई हजरत उज्जैर अलैहिस्सलाम है तो तो मेरे लिए दुआ कीजिए के मेरी आंखों में रोशनी आ जाए और मेरा फालिश अच्छा हो जाए हजरत उज्जैर  अलैहिस्सलाम ने दुआ की तो बुढ़िया की आंखें ठीक हो गई और उसका फालिश भी अच्छा हो गया फिर उस बढ़िया ने 


गौर से आपको देखा और पहचान लिया और बोल उठी कि मैं शहादत देती हूं के आप यकीनन हजरत उज़ैर अलैहिस्सलाम ही हैं फिर वह बढ़िया आप को लेकर बनी इजरायल के मोहल्ले में गई इत्तेफाक से उस वक्त सब लोग एक मजलिस में मौजूद थे उसि मजलिस में आपका लड़का भी मौजूद था जो 118 बरस का हो गया था और आपके चंद पोते भी थे वह सब बूढ़े हो चुके थे 


बुढ़िया ने मजलिस में शहादत दी और एलान किया ए लोगो बिला शुभा यह हजरत उज्जैऱ अलैहिस्सलाम ही है मगर किसी ने बुढ़िया की बात को सही नहीं माना ईतने में उनके लड़के (islamic stories in Hindi) ने कहा कि मेरे बाप के दोनों कंधों के दरमियान एक काले रंग का मस्सा था जो चांद की शक्ल का था चुनाँचे आपने अपना कुर्ता उतार कर देखा तो वह मस्सा मौजूद था 


फिर लोगों ने कहा के हजरत उज्जैर अलैहिस्सलाम को तोरात जुबानी याद थी अगर आप उज्जैऱ हैं तो पहले तोरात पढ़कर सुनाइए आपने बगैर किसी झिझक के फौरन पूरी तोरात पढ़कर सुना दी उस वक्त के बादशाह ने बैतूल मुकद्दस को तबाह करते वक्त 40 हजार तोरात के आलिमों को चुन चुन के कत्ल करवा दिया था और तोरात के सभी किताबों को जला दिया था 


और जमीन पर तोरात का कोई भी पन्ना बाकी नहीं रहने दिया था अब यह सवाल पैदा हुआ कि हजरत उज्जैऱ अलैहिस्सलाम ने जो तौरात पढी है वह सही है या गलत तो एक आदमी ने कहा कि (Best Islamic stories in hindi) मैंने अपने बाप से सुना है के हम लोगों को जिस तरह बादशाह ने गिरफ्तार कर लिया था उस दिन एक वीराने में एक अंगूर की जड़ में 


तोरात की एक सिफ दफन कर दी गई थी अगर तुम लोग मेरे दादा के अंगूर के जगह की निशानदेही कर दो  तो मैं तोरात की एक जिल्द बरामद कर दूंगा उस वक्त पता चल जाएगा के हजरत उज्जैऱ अलैहिस्सलाम ने जो तौरात पड़ी है वह सही है के गलत हैचुनाचे लोगों ने तलाश करके और जमीन खोद के तोरात की एक ज़िल्द निकाल दी वह हर्फ बे हर्फ उज्जैऱ अलैहिस्सलाम के 


जुबानी याद की हुई तोरात के मुताबिक ही थी यह अजीबोगरीब और  हैरतअगेज माजरा देखकर सब लोगों ने एक साथ होकर यह कहना शुरू कर दिया के बेशक आप उज्जैऱ अलैहिस्सलाम ही हैं यकीनन यह खुदा के भेजे हुए बेटे ही हैं नोजोबिल्लाह चुनांचे उसी दिन से यह गलत और मुसरिकना किस्सा यहूदियों में फैल गया के 


माजल्लाह हजरत उज्जैर अलैहिस्सलाम खुदा के बेटे हैं चुनाँचे आज तक दुनिया भर के यहूदी किस बात के यकीन पे जमे हुए है के हजरत उज्जैर अलैहिस्सलाम खुदा के बेटे हैं माजल्लाह प्यारे दोस्तों उम्मीद करता हूं आप लोगों को यह स्टोरी पसंद आई होगी खुदा हाफिज


हजरत सुलेमान अलैहिस्सलाम की दावत

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