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आग की पूजा की शुरूआत कैसे हुई | aag ki puja ki suruat | in hindi

आग की पूजा की शुरूआत कैसे हुई | aag ki puja ki suruat | in hindi
Islamic story

किसरा के महल में एक हज़ार साल से आग जल रही थी जिसकी पूजा की जाती थी। जहाक के ज़माने से पूजा शुरू हुई ।


जुहाक एक मर्तबा शिकार को निकला। एक साँप हमलावर हुआ। उसने उसे पत्थर मारा। पत्थर आगे पत्थर पर पड़ा। उससे शोला निकला, शोले ने साँप को लपेट में ले लिया। उसने कहा यही मेरी नजात का ज़रिया है। यहाँ से आग की पूजा ईरान में दाखिल हुई।


इसको हज़ार बरस हो चुके थे और एक पल के लिए यह आंग बुझने न पाई थी, इसको जलाते रहते थे, जलाते रहते थे, जलाते रहते थे। सागौन, ऊद की लकड़ियों से दारचीनी की लकड़ियों से यह आग जलाई जाती थी। जैसे ही आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पैदा हुए आग एकदम बुझ गई। सारा ज़ोर लगाया जलती नहीं थी।



आपकी पैदाईश पर अल्लाह की खुशी

  • अल्लाह तआला ने रबियुल अव्वल से अगले रबियुल अव्वल तक पूरी दुनिया में हर औरत को बेटा दिया किसी को बेटी नहीं दी। अपने नबी के एज़ाज़ में एक समुद्र की मछली ने दूसरे समुद्र की मछलियों को जाकर मुबारकबाद दी। देखने में यतीम पैदा हो रहा है आलम में तब्दीली इस तरह आ रही है, बुत गिर रहे हैं, आग बुझ रही है, आसमानों पर चिराग़ां, समुंद्रों में खुशियाँ, फिज़ाओं में खुशियाँ। ज़ाहिरी असबाब यह हैं।



जब हज़रत आमना ने गोद में लिया तो हैरान होकर देख रही हैं यह बच्चा कैसा है यह बच्चा कैसा है? इधर उनके घर की छत फट गई एक बादल अन्दर आ गया।


एक दम बादल फैला और एक लम्हे के लिए हज़रत आमना को महसूस हुआ कि बच्चा गोद में नहीं है, गोद ख़ाली है और उस बादल के अन्दर से आवाज़ आ


इस बच्चे को पूरब व पश्चिम फिरा दो, उत्तर दक्षिण फिरा दो ताकि सारा जहान इसके नाम को सिफात को, जात को पहचान ले


अल्लामा सयूती रह० ने एक रिवायत में नकल किया है कि जिस दिन आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पैदा हुए उस दिन से लेकर अगले पूरे एक साल तक अल्लाह तआला ने किसी औरत को बेटी नहीं दी। सबको बेटे अता फरमाए और आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ख़तना के साथ पैदा हुए


आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का ख़तना नहीं किया गया आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम खतने के साथ पैदा हुए, आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पाक पैदा हुए, आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर ग़लाज़त नहीं लगी हुई थी। जैसे ही आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पैदा हुए सारा कमरा रौशन हो गया। हज़रत आमना फरमाती हैं कि पूरब पश्चिम मेरे सामने खुल गए, शाम के महल देखे, मदाइन के महल देखे, हिरा और यमन के महल्लात को अल्लाह पाक ने दिखाया, सारी काएनात को रौशन कर दिया


अभी तो आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पैदा हुए, सारीदुनिया के बुत ज़मीन पर जा गिरे। बादशाहों के तख़्त उलट गए और ज़मीन पर जा गिरे। अपने आप ज़मीन पर गिर गए। हुआ? बुतों का तोड़ने वाला आ गया, बुत शिकन आ गया, की दावत देने वाला आ गया, अल्लाह से मिलाने वाला आ गया, जुल्म को मिटाने वाला आ गया, अंधेरों को दूर करने वाला आ गया, सारी काएनात को नजात दिलाने वाला आ गया तो भाई ज़िन्दगी गुज़ारनी है तो अल्लाह के नबी के तर्ज़ पर गुज़ारो जो अल्लाह का महबूब है।



हज़रत अब्बास रज़ियल्लाहु अन्हु फरमाते हैं या रसूलल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम मुझे आपके बचपन में पता चल गया था कि आप बड़ी शान वाले हैं। आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया वह कैसे ? कहा आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम चारपाई पर लेटे थे जैसे बच्चा यूँ हाथ मारता है, पाँव मारता है, टाँगें चलाता है, हाथ चलाता है और ऊपर चौदहवीं का चाँद था कभी हाथ मारते मारते आपका हाथ ऊपर जाता तो आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के हाथ के साथ ही चाँद भी यूँ हो जाता था। फिर आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम यूँ करते थे चाँद यूँ हो जाता था। आपकी हरकत से चाँद हरकत कर रहा था तो आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया


 मुझ से बातें करता था, मेरा दिल लगाता था, मुझे चाँद कहानियाँ सुनाता था चाँद मुझे कहानियाँ सुनाता था। जिसको आसमान का चाँद उसके पंघोड़े में लोरियाँ दे और कहानियाँ सुनाए वह कितनी ऊँची शान याला नबी होगा?,


दोस्तों , हर मुसलमान इस अज़ीमुश्शान नबी पाक सल्लल्लाहु अलेही वसल्लम के तरीके पर आ जाए जिसको अल्लाह तआला ने सारी दुनिया की सरदारी अता फरमाई। 


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