दोस्तों हजरत सुलेमान अलैहिस्सलाम को तो आप लोग जानते ही होंगे के कैसे अल्लाह ताला ने हजरत सुलेमान अलैहिस्सलाम को पूरी दुनिया की बादशाहत अता फरमाए थी
और खाना खिला सकूं अल्लाह ताला ने एक मर्तबा फिर फरमाया ए सुलेमान तू इस पर भी कुदरत नहीं रखता हजरत ए सुलेमान अलैहिस्सलाम ने तीसरी मर्तबा फिर फरमाया के ए मेरे परवरदिगार मुझे सिर्फ 1 दिन के लिए ही इजाजत दे के मैं तेरी तमाम मखलुकात को खाना खिला सकूं अल्लाह ताला ने तीसरी मर्तबा फिर फरमाया के ए सुलेमान तू इस पर भी कुदरत नहीं रखता
यह कहकर अल्लाह ताला ने हजरत सुलेमान अलैहिस्सलाम को 1 दिन के लिए सभी मखलुकत को खाना खिलाने की इजाजत दे दी हजरत ए सुलेमान अलैहिस्सलाम को इजाजत मिलने के बाद आप अलैहिस्सलाम ने तमाम जिन्नात को यह हुकुम दिया के वह तमाम के तमाम चीजों को जमा करें जो जमीन पर हलाल है जैसे गाय बैल भैंस बकरे दुमबे भेड़ परिंदे वगैरह ?
जिन्नात और इंसान मिलकर इन तमाम चीजों को इकट्ठा करके हजरत सुलेमान अलैहिस्सलाम के सामने इकट्ठा कर दिया (hazrat suleman a s) तो इन सबके लिए बड़े बड़े देंगे तैयार करी गई फिर इन जानवरों को जबहा किया गया और इनको पकाया गया हजरत सुलेमान अलैहिस्सलाम ने हवा को हुकुम दिया के खाने पर चले ताकि खाना खराब ना हो
फिर खाने को जंगल में फैला दिया गया उस खाने उस थाने की जगह इतनी लंबी और चौड़ी थी के एक कोने से दूसरे कोने तक पहुंचने में 1 महीना लग जाता अल्लाह ताला ने हजरत ए सुलेमान अलैहिस्सलाम के पास वही भेजी अल्लाह ने फरमाया के ए सुलेमान मेरी मखलुकत मैं से पहले किसकी दावत करेगा तो हजरत सुलेमान अलैहिस्सलाम ने फरमाया के मैं दरिया के जानवरों से शुरू करूंगा
अल्लाह ताला ने दरिया के एक मछली को हुकुम दिया के वह हजरत सुलेमान अलैहिस्सलाम की दावत में से खाए तो उस मछली ने अल्लाह ताला के हुकुम से उस मछली ने दरिया से अपना सर निकाला और कहा ए सुलेमान अलेही सलाम मैंने सुना है के आपने मेरी दावत करी है तो हजरत ए सुलेमान अलैहिस्सलाम ने फरमाया के ए मछली तूने ठीक सुना
आ जाओ और खाना (hazrat suleman story) शुरू करो वह मछली आगे बढ़ी और खाना शुरू कर दिया मछली ने एक साथ ही सारा खाना खा लिया फिर उस मछली ने आवाज लगाई के ए सुलेमान मुझे और खाना दो मेरी भूख अभी नहीं मीटी है तो यह सुनकर सुलेमान अलैहिस्सलाम ने फरमाया तू तो सारा खाना खा गई और अभी तेरा पेट नहीं भरा तो मछली ने कहा
सुलेमान क्या मेहमान के लिए मेजबान का यही फर्ज होता है सुलेमान अलैहिस्सलाम आप यह जान लीजिए के जैसे आपने मेरे लिए यह खाना आज पकाया है उसी तरह अल्लाह ताला मुझे दिन में 3 मर्तबा खाना खिलाता है और आज मेरे लिए खाना रोकने का सबब तू बना क्योंकि तुमने रिज़्क़ अपने जिम में ले लिया है
और तुमने मेरे खाने में कमी कर दी यह सुनकर हजरत ए सुलेमान अलैहिस्सलाम ने अल्लाह ताला के सामने सजदा करते हुए गिर पड़े और रोने लगे
सबक
पाक है वह जात जो मखलूक को हमेशा हर वक्त का खाना खिलाती है जहां से लोग जानते भी नहीं के इतना रिज्क कहां से आता है बेशक अल्लाह ताला ही तमाम मखलुकात को रोजी देता है इसीलिए अल्लाह पर भरोसा रखना चाहिए और जैसे भी हालात हो अल्लाह ताला का शुक्र अदा करना चाहिए