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हजरत मूसा अ स और बे औलाद औरत की कहानी | hajrat musa a s aur banjh aurat | in hindi

हजरत मूसा अ स और बे औलाद औरत की कहानी | hajrat musa a s aur banjh aurat | in hindi
prophet story

हजरत मूसा अलैहिस्सलाम अल्लाह ताला के बहुत बहादुर और बर्गजिदा बंदे थे आपको कलीमुल्लाह का लक़ब दिया गया था लक़ब की वजह यह थी कि आप अलैहिस्सलाम अल्लाह से बातें किया करते थे बातें करने के लिए एक मकसूस जगह का इंतखाब किया गया था जीस जगह को कोहेतूर के नाम से जाना जाता है अल्लाह ताला से बात करने का ये सर्फ आप के इलावा और किसी के पास नही था

हजरत मूसा अलैहिस्सलाम मामूल के मुताबिक अल्लाह ताला से मुलाकात के लिए कोहेतूर की तरफ जा रहे थे के रास्ते मे आप को एक औरत नजर आई जो कि बोहोत रो रही थी आप अलैहिस्सलाम का दिल वैसे भी बोहोत नर्म था उस औरत को देखकर आप भी गमगीन हो गए 

मूसा अलैहिस्सलाम से रहा ना गया तो उस औरत से उसकी परेशानी का सबब पूछा तो फिर उस औरत ने बताया के वो बे औलाद है लोग उसे बांझ होने का ताना देते हैं उस औरत ने हजरत मूसा अलैहिस्सलाम से गुजारिश की के वो अल्लाह ताला से ये दरयाफ़्त करें की उसे कभी औलाद होगी या नही वो औरत जानती थी के हजरत मूसा अलैहिस्सलाम अल्लाह ताला से हम कलाम होते हैं 

मूसा अलैहिस्सलाम ने औरत को यकीन दिलाया कि वो अल्लाह ताला से इस मामले की बात जरूर करेंगे ये कह कर आप फिर से कोहेतूर की तरफ चल दिए अल्लाह ताला से मुलाकात के दौरान उस औरत का मामला बयान किया तो अल्लाह ताला ने हजरत मूसा अलैहिस्सलाम को बताया के 

उस औरत की किस्मत में यही लिखा है के उसे कभी कोई औलाद नही होगी उस औरत को चाहिए कि उसपर जो आजमाइस आई है उस पर सब्र करे आप अलैहिस्सलाम ये सुनकर खुद भी गमगीन हो गए जब आप अलैहिस्सलाम कोहेतूर से वापस लौटे तो वो उस औरत को उसी जगह बैठा हुआ पाया जो कि आप अलैहिस्सलाम का ही इंतेजार कर रही थी 

तो आप अलैहिस्सलाम ने उस औरत को अल्लाह का फैसला सुनाया तो वो औरत बोहोत गमगीन हो गई आप अलैहिस्सलाम ने उस औरत को तसल्ली दी और ये भी कहा के अल्लाह ताला के हर फैसले मे बेहतरी होती है इसी लिए वो सब्र से काम ले 

औलाद अल्लाह ताला की देन होती है वो जिसे चाहे बेटियां अता फरमाए जिसे चाहे बेटे और जिसे चाहे दोनो ही अता फरमादे ये कह कर आप अलैहिस्सलाम वहां से चले गए इस वाक्य को बहुत अरसा गुजर चुका था 

एक दिन उस औरत के घर के पास  एक दरवेश रोटी का सवाल कर रहा था औरत के कान में जब उस दरवेश की सदा पड़ी तो उसे रुक जाने को कहा और कुछ देर के बाद उसके लिए रोटी लेकर आ गई और उस दरवेश को रोटी दे दी ये देख कर दरवेश बोहोत खुश हुआ 

दरवेश ने उस औरत को औलाद होने की दुआ दी और अल्लाह ताला ने उस दरवेश की दुआ कबूल कर ली और फिर अल्लाह ताला ने औरत को औलाद की नेमत से नवाज दिया इस बात की खबर जब हजरत मूसा अलैहिस्सलाम तक पहुंची तो वह बहोत हैरान हुए 

क्योंकि अल्लाह ताला ने तो उन्हें बताया था की इस औरत की किस्मत मे औलाद का ना होना लिखा था तो ये कैसे मुमकिन हुआ के उसे औलाद हो गई मूसा अलैहिस्सलाम दोबारा कोहेतूर पर गए और उस औरत के मामले के बारे मे अल्लाह ताला से पूछा के मैंने आपसे पूछा था कि उस औरत को औलाद होगी या नहीं तो आपने फरमाया था की औलाद उसकी मुकद्दर में नहीं है 

तो ये कैसे मुमकिन हुआ के उसे औलाद हो गई तो अल्लाह ताला ने आप अलैहिस्सलाम के सामने एक शर्त रखी और अल्लाह ताला ने आप अलैहिस्सलाम को इंसान का गोश्त लाने को कहा 

(जब अल्लाह ताला अम्बिया इकराम को किसी चीज का हुकुम दिया करते थे तो कोई भी अल्लाह ताला से सवाल नहीं किया करता था इसीलिए हजरत मूसा अलैहिस्सलाम ने भी अल्लाह ताला की इस शर्त पर भी कोई सवाल नहीं किया)

फिर अपनी बस्ती में जाकर लोगों को अल्लाह ताला का हुक्म सुनाया बस्ती वालों को अल्लाह ताला का यह हुकुम बहुत अजीब लगा और सबके दिलों में ये ख़ौफ़ बैठ गया के यहां खून ना बहने लगे जब कोई भी अपना गोस्त देने को राजी ना हुआ तो हजरत मूसा अलैहिस्सलाम खाली प्लेट लेकर अल्लाह ताला के पास कोहेतूर पर वापस जाने लगे 

मूसा अलैहिस्सलाम रास्ते मे ही थे कि उन्हें रास्ते मे एक दरवेश बैठा हुआ मिला दरवेश की आंखें बंद थी और चेहरा आसमान की तरफ उठा हुआ था दरवेश की जुबान पर बस अल्लाह अल्लाह का ही नाम था हजरत मूसा अलैहिस्सलाम उस दरवेश के पास गए और उसे अल्लाह का हुक्म सुनाया 

तो दरवेश ने अपनी आंखें खोल कर हजरत मूसा अलैहिस्सलाम की तरफ देखा और बिना कोई सवाल किए अपना बाजू आप अलैहिस्सलाम की तरफ कर दिया और कहा के मैं हाजिर हुं उस दरवेश ने हजरत मूसा अलैहिस्सलाम से छुरी ली और अपने बाजू से गोस्त काट कर प्लेट में रख दिया 

ये देख कर हज़रत मूसा अलैहिस्सलाम बहुत खुश हुए फिर आप अलैहिस्सलाम उस दरवेश का गोस्त लेकर अपनी मंजिल की तरफ रवाना हो गए आप अलैहिस्सलाम अभी कुछ दूर ही गये थे कि उस दरवेस ने आप को पुकारा और कहा के हो सकता है के अल्लाह ताला ने गर्दन का गोस्त मांगा हो और फिर उसने अपनी गर्दन से गोस्त काट कर आप अलैहिस्सलाम की प्लेट मे डाल दिया 

हजरत मूसा अलैहिस्सलाम ने फिर से कोहे तूर की तरफ अपने कदम बढ़ा दिए उस दरवेस ने आप को फिर से रोक लिया और कहा कि हो सकता है के अल्लाह ताला ने सीने का गोस्त मांगा हो और फिर उसने अपने सीने का गोस्त काट कर प्लेट में रख दिया 

और फिर उस दरवेश ने अपने जिस्म के हर जगह का गोस्त काट कर प्लेट मे रख दिया हजरत मूसा अलैहिस्सलाम ने कोहे तूर पर जाकर गोस्त से भरी हुई प्लेट अल्लाह ताला के सामने पेस कर दिया अल्लाह ताला ने हजरत मूसा अलैहिस्सलाम से पूछा के यह गोश्त किस से लाए हो तो हजरत मूसा अलैहिस्सलाम ने अल्लाह ताला से सारा किस्सा बयान कर दिया ?

अल्लाह ताला ने फरमाया  के ए मूसा यह मेरे बंदे का मुझसे इश्क है और इस इश्क की हद तो देखो कि उसने अपनी तकलीफ का ना सोचा उसने मेरी रजा और खुशी के खातिर अपने जिस्म की बोटियां काटकर तुम्हारे सामने रख दिया ए मूसा अब मुझे तुम खुद बताओ जो मेरा बंदा मेरे इश्क में खुद से भी बेपरवाह है उससे कोई सवाल करें और वो मुझ से दुआ मांगे तो मैं उसकी दुआ कैसे कबूल नहीं करूंगा 

ए मूसा यह मेरा वही बंदा है जिसने मुझसे उस औरत के हवाले से सवाल किया था मेरे इस नेक बंदे ने ही उस औरत के लिए औलाद की दुआ की थी तो भला मैं कैसे उसकी हाजत पूरी नहीं करता बस यही वजह है कि मैंने उसकी किस्मत में लिखे को पलट दिया 

जो बंदे मेरी खातिर अपने आप को कुर्बान करने के लिए राजी हो जाते हैं मैं उनकी बात को कैसे रद्द कर सकता हूं मूसा अलैहिस्सलाम अल्लाह की यह बात सुनकर बहुत हैरान और खुश हुए 

सबक 


इस छोटे से किस्से से हमें यह सबक मिलता है के अल्लाह ताला ने जो भी हमारी जिंदगी में अता कर रखा है उस पर अल्लाह का शुक्र अदा करना है और दूसरों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहना है हम लोगों को यह पता नहीं रहता कि कौन सा अमल अल्लाह ताला को पसंद आ जाए और आपका काम हो जाए और जब भी अल्लाह ताला के लिए कुर्बानी देने का मौका मिले तो अपनी जान भी देने से पीछे ना हटे अल्लाह ताला हमें नेक अमल करने की तौफीक अता फरमाए आमीन


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