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हजरत अली रजी अल्लाहु ताला अन्हु का एक अजीब फैसला | hajrat ali ka faisla | in hindi

हजरत अली रजी अल्लाहु ताला अन्हु का का एक एक अजीब फैसला | hajrat ali ka faisla | in hindi

 

हजरत अली रजी अल्लाहु ताला अन्हू का वो फैसला जिसके बाद अमीरूल मोमिनिन सैयदना हजरत उमर इब्ने खत्ताब रजी अल्लाहु ताला अन्हु ने फरमाया अली ना होते तो उमर हलाक हो जाता

एक मर्तबा हजरत उमर रजी अल्लाहु ताला अन्हु के दौरे खिलाफत में एक लड़के को जीना करने के जुर्म में सजा देने के लिए ले जाया जा रहा था वो लड़का जोर जोर से पुकार रहा था के मैं बे गुनाह हूं मुझे सजा ना दिया जाए उसी वक्त हजरत अली रजी अल्लाहु ताला अन्हू का वहां से गुजर हुआ तो हजरत अली रजी अल्लाहु ताला अन्हु ने उस लड़के की पुकार सुनकर उन सरकारी अहलकारो को रुकने का हुक्म फरमाया 


और फिर लड़के से पूछा के क्या माजरा है बताओ तो लड़के ने हजरत अली करिमुल्लाह से कहा के जनाब जिस जुर्म का इल्जाम मुझ पर लगाया जा रहा है वो मैने किया ही नहीं दावा करने वाली मेरी मां है तो हजरत अली रजी अल्लाहु ताला अन्हू ने सिपाहियों से फरमाया के इसकी सजा रोक दिया जाए ताकि मैं इस केस को दोबारा सुन लूं अगर ये लड़का गुनाह गार हुआ तो फिर इसे सजा देना 


दूसरे दिन हजरत अली रजी अल्लाहु ताला अन्हु ने औरत और लड़के को अदालत में बुलवा लिया फिर औरत से पूछा के क्या इसने तुम्हारे साथ गलत काम किया है तो उसने कहा हां तो फिर हजरत अली रजी अल्लाहु ताला अन्हु ने लड़के से पूछा के ये तेरी क्या लगती है तो उसने कहा के ये मेरी मां है औरत ने उस लड़के को अपना बेटा मानने से इंकार कर दिया 


फैसला सुनने के लिए लोगो का हुजूम जमा था फिर हजरत अली रजी अल्लाहु अन्हुं ने फरमाया के तो अच्छा फिर ए औरत मैं इस लड़के का इतने हक मेहर से इस लड़के का तेरे साथ निकाह करता हूं तो वो औरत छिंख उट्ठी और कहा के ऐ हजरत अली क्या किसी बेटे का निकाह उसकी मां के साथ हो सकता है ये सुनकर हजरत अली रजी अल्लाहु अन्हु ने फरमाया के 


क्या मतलम तो फिर उस औरत ने जवाब दिया के ऐ हजरत अली ये लड़का तो वाकेई मेरा बेटा है ये सुनकर हजरत अली रजी अल्लाहु ताला अन्हु ने फरमाया के क्या कोई बेटा अपनी मां के साथ बदकारी कर सकता है तो फिर उस औरत ने कहा के नही तो फिर हजरत अली रजी अल्लाहु अन्हु ने फरमाया के तो फिर तूने अपने बेटे पर ऐसा इल्जाम क्यूं लगाया 


तो औरत ने जवाब दिया के ऐ अली मेरी सादी एक अमीर शख्स से हुई थी उसके पास बोहोत जयदात थी ये मेरा बेटा उस वक्त दूध पीता बच्चा था उसी वक्त मेरा खाविंद मर गया तो मेरे भाइयों ने कहा के ये लड़का अपने बाप की जायदात का मालिक बन गया तुम इसको कहीं छोड़ आओ तो मैं इसे किसी बस्ती में छोड़ आई फिर सारी जाएदात मेरी और मेरे भाइयों की हो गई 


जब ये लड़का बड़ा हुआ तो मां की मोहब्बत इसके दिल में आई मां को तलास करता करता मुझ तक पोहोंच गया तो फिर मेरे भाइयों ने मुझे वर्गालया के अबकी बार इसे ऐसा झूठा इल्जाम लगा कर इसकी जिंदगी की सांस हमेशा हमेशा के लिए खत्म कर दिया जाय तो मैने अपने भाईयों की बातो में आकर इस पर झूठा इल्जाम लगाया और ऐसा कर दिया हकीकत ये है के 


ये मेरा बेटा है और बिल्कुल बे गुनाह है जब इस किस्से का इल्म अमीरूल मोमिनिन सैयदना हजरत उमर इब्ने खत्ताब रजी अल्लाहु ताला अन्हु को हुआ तो आप रजी अल्लाहु अन्हु ने फरमाया के आज हजरत अली ना होते तो उमर हलाक हो जाता | सुबहान अल्लाह 

 एक गुनाहगार का वाक्या

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