Ad Banner

हकीम लुकमान और उनके तोते का वाक्या | haqeem luqman aur unke tote ka wakya | in hindi

हकीम लुकमान और उसके तोते का वाक्या | haqeem lukman aur unke tote ka wakya | in hindi

दोस्तों हकीम लुकमान के बारे में आप सभी लोग जानते ही होंगे के हकीम लुकमान अल्लाह के नेक बंदे थे और अल्लाह के वली थे 


हकीम लुकमान रहमतुल्ला अलेह की विलादत हजरत दाऊद अलैहिस्सलाम के दौर में हुआ और आपका विशाल हजरत यूनुस अलैहिस्सलाम के दौर में हुआ जो गुमला के करीब है और गमला फलस्तीन में वाक्य है वह नबी थे 


या नहीं यह तो (haqeem luqman) अभी तक वाजे नही है लेकिन वह अल्लाह के नेक बंदे और अल्लाह के वर्ली थे लुकमान के माने बहुत ज्यादा अकल वाला है आपके नाम में हकीम आता है और हकीम तबीब को  कहते हैं अल्लाह ताला ने हकीम लुकमान को हिकमत और दानाइ बख़्सि थी आपकी हिकमत की यूनान में बहुत मशहूरयत है जिसे तिब्बे यूनानी कहते हैं 


कुरान थे पाक मैं अगर किसी का जिक्र आ जाए तो वह चीज बड़ी अजमत वाली और उसका वकार और बुलंद हो जाता है मगर यहां तो अल्लाह ताला ने हकीम लुकमान के नाम से एक पूरी सूरत नाजिल फरमाइ है इसके हिकमत और दानाई के बहुत सारे वाक्य मौजूद है इनमें से एक वाक्य आज आप लोगों के सामने पेस कर रहा हूं कहा जाता है के 


हकीम लुकमान के दौर में हर चीज को जबान दी गई थी हर बेजुबान को जुबान थी जड़ी बूटियां खुद बोलकर हकीम लुकमान को बता देती थी के हम इस मर्ज की दवा है या हमसे इस मर्ज की शिफा लो इस हवाले से एक वाक्य बहुत मशहूर है के हकीम लुकमान ने समंदर के दूसरे किनारे को ढूंढने का फैसला किया उनके पास एक तोता था 


जो उनसे बातें किया करता था हकीम लुकमान ने अपनी हिकमत से जड़ी बूटियों से एक ऐसी दवा तैयार की जिसके खाने से तोता बगैर कुछ खाए पिए और बिना थके 6 महीने तक अपनी उड़ान को जारी रख सकता था हकीम लुकमान दो ऐसी गोलियां तैयार कर दी एक अपने तोते को खिला दिया और दूसरी गोली तोते के गले में बांध दिया 


और तोते को नसीहत की (hakeem luqman biography in hindi) के तुम इस गोली को खा कर 6 महीने तक बिना थकावट के बिना भूख प्यास के उड़ सकते हो और साथ ही यह नसीहत की के अगर तुम्हे कहीं पर भी भूख और प्यार और थकावट महसूस हो तो तुम दूसरी गोली खाकर वहीं से वापिस हो जाना और आगे मत जाना तोते ने हकीम लुकमान से इजाजत ली और समंदर की तरफ उड़ चला 


तोता मुसलसल अपनी उड़ान 6 महीने तक जारी रखें हुआ था लेकिन उसे अभी तक समुंदर का दूसरा किनारा नहीं मिला तोते को उड़ते हुए अब 6 महीने से ज्यादा हो गया था अब उसे भूख और प्यास महसूस होने लगी थकावट का भी एहसास होने लगा था मगर यहां तक जहां वह जा चुका था वहां समंदर का किनारा तो दूर कोई पत्थर या चट्टान भी नहीं मिला था 


जिनके ऊपर वह बैठकर सांस ले सकता था थोड़ा आगे जाने के बाद आखिरकार एक समंदर में चट्टान नजर आई तोता  उसके ऊपर जाकर बैठ गया दरअसल वह चट्टान नहीं बल्कि एक बहुत बड़ी मछली थी लेकिन तोते को अभी यह नहीं पता था के यह चट्टान नहीं एक बहुत बड़ी मछली थी थोड़ी देर में उस मछली ने थोड़ी हरकत की तो तोता बहुत हैरान और परेशान हो गया 


के वह यह देख रहा था के यह चट्टान हिल क्यों रहा है जब मछली ने अपना मुंह बाहर निकाला तो वह मछली भी इस तोते (haqeem luqman story in hindi) को देख कर हैरान हो गई और इस तोते से बात करने लगी क्योंकि उस वक्त अल्लाह ने हर चीज को जबान दी थी इसलिए मछली ने उस तोते से पूछा तुम कौन हो और यहां तक कैसे पहुंचे तोते ने कहा तुम कौन हो 


तो मछली ने कहा कि मैं इस समंदर की मखलूक हूं तब तोता बहुत हैरान हुआ और बोलने लगा की अल्लाह की पनाह मैंने अपनी जिंदगी में आज तक इतनी बड़ी मखलूक नहीं देखी फिर उसने कहा मैं हकीम लुकमान का तोता हूं और मुझे हकीम लुकमान ने समंदर का दूसरा कौन है ढूंढने के लिए भेजा है मैंने बहुत ज्यादा सफर किया है अभी तक मुझे समंदर का दूसरा किनारा नहीं मिला 


और अब मैं बहुत थक गया हूं और अब मैं इससे ज्यादा आगे नहीं जा सकता क्या तुम जानते हो के समुंदर का दूसरा (islamic storys in hindi) किनारा कहां है तो मछली ने कहा कि तुम मुझे पहले यह बताओ कि तुम यहां तक पहुंचे कैसे हो ना तो यहां पर कोई पहाड़ है ना ही कोई जंगल है ना ही कोई दरख़त है पर तुम बैठकर आराम कर कर यहां तक पहुंच सके तब उसने हकीम लुकमान का सारा माजरा उस मछली को बता दिया 


फिर मछली ने कहा समंदर का दूसरा किनारा कहां है यह मुझे नहीं मालूम लेकिन मैं इतना कर सकती हूं के तुम जहां से आए हो मैं तुम्हें वहां पहुंचा सकती हूं क्योंकि अगर मैं समंदर के अंदर जाती हूं तो बहुत बड़ी मछलियां समंदर में मौजूद है जो मुझे खा सकती है तोते ने कहा ठीक है तुम मुझे वहां भेज दो जहां से मैं आया हूं मछली ने कहा कि तुम मेरी पीठ के ऊपर बैठ जाओ 


तोते ने ऐसा ही किया मछली के पीठ के ऊपर बैठ गया और फिर मछली ने पलक झपकते ही उस तोते को उस जगह पर पहुंचा दिया जहां से वह चला था तोता यह देख कर कहने लगा कि मुझे तो 6 माह लगे थे वहां तक पहुंचने में और तुमने तो मुझे पलक झपकते ही यहां पहुंचा दिया तोता बहुत हैरान हुआ और सोचने लगा 


के अभी तो यह मछली यह भी दावा कर रही है के उससे भी बड़ी-बड़ी मछलियां मौजूद है तोता हकीम लुकमान के पास गया और जाकर अपना सारा माजरा सुना दिया हकीम लुकमान ने जब यह सारा माजरा सुना दो बहुत हैरान हुए और अल्लाह की बारगाह में सजदा किया और कहने लगा के अल्लाह बेशक तू ही जानता है के समंदर का दूसरा किनारा कहां है


हजरत सुलेमान अलैहिस्सलाम की दावत

1 thought on “हकीम लुकमान और उनके तोते का वाक्या | haqeem luqman aur unke tote ka wakya | in hindi”

Leave a Comment