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एक मुर्गे की कहानी | ek murge ki kahani | in hindi

एक मुर्गे की कहानी | ek murge ki kahani | in hindi
islamic story in hindi


islamic story in hindi-दोस्तों अस्सलामू अलैकुम अजीजो आज मैं जो आप लोगों के सामने किस्सा बयान करने जा रहा हूं जो एक मशहूर जर्मन फ्लोसफर के साथ पेश आने वाला एक सच्चा वाक्य है जो अपने पड़ोसी के मुर्गे के शोर से बहुत परेशान था जब भी वह मुर्गा शोर मचाता तो वह बहुत परेशान हो जाता और उसके तहकीकी कामों में बहुत खलल पड़ती 

एक दिन जब उस आदमी का जीना मुहाल हो गया तो उसने अपने नौकर को कुछ पैसे देकर भेजा के जाकर उस पड़ोसी के घर उसका मुर्गा खरीद ले और उसे जबह करके पकाले ताकि वह उस मुर्गे के शोर का बदला उसे खाकर ले और उसके शोर से निजात भी पालेउस दोपहर को उस आदमी ने अपने सबसे करीब दोस्त को अपने घर दावत पर बुला लिया 

ताकि दोनों  मिलकर मजेदार खाना खाए  दोस्त के आने  पर  उस आदमी  ने

अपने दोस्त को बताना शुरू किया की  किस तरह उसके पड़ोसी के मुर्गे ने उसका जीना मुहाल कर रखा था जिसका हल उसने यह निकाला के आज वह उसी मुर्गे को पकाकर खाएगा गुजरे तो बस कुछ ही घंटे हैं लेकिन मुझे बहुत सुकून मिल रहा है 

बल्कि आज मैंने अपना काम इस तरह से किया के मैंने पूरे महीने इतना काम नहीं कर पाया था अभी वह आदमी और उसका दोस्त बैठे यह बातें ही कर  रहे थे के उसका नौकर खाना लेकर उसके कमरे में दाखिल हुआ और उसके नौकर ने उस आदमी से कहा के जनाबे आला मैंने उस पड़ोसी से उसका मुर्गा खरीदने की बहुत कोशिश की लेकिन वह बेचने से इनकार करता रहा 

islamic story in hindi-इसलिए मैं बाजार जा कर एक दूसरा मुर्गा खरीद लाया और आपके लिए पकाया है तभी उस आदमी ने हैरत से उसकी बातें सुनी और गौर किया तो उसने सुना के अभी भी वह मुर्गा खूब जोर- सोर से अजाने दे रहा था मेरे मोहतरम अजीजो किसी ने इस किस्से पर तपसीरा करते हुए कहां है कि मैंने जब उस आदमी के तपसीरे पर गोर किया तो यह नतीजा अर्ज किया 

के यह शख्स इस मुर्गे से बहुत परेशान था क्योंकि वह मुर्गा शोर मचाता था फिर एकदम से ही यह सक्स बहुत खुश भी हो गया हालांकि यह मुर्गा अभी भी जिंदा था और हालात और वाक्यात पर भी कोई तब्दीली नहीं आई थी गोया तब्दीली खुद इंसान के अंदर पैदा करनी पढ़ती है यह इंसान की अंदरूनी कैफियत ही थी जिसने उस आदमी को उस मुर्गे से परेशान कर रखा था 

और फिर वही इंसानी कैफियत ही थी जिसने उसे खुश कर दिया था यह खुशी खुद हमारे हाथों में ही है तो क्यों हम इसे दूसरों से मांगते फिरते हैं और अगर यह खुशी इतनी करीब होती है तो फिर क्यों हम इसे अपने आप से दूर कर रहे होते हैं हम मुर्गे को सिर्फ इसलिए जबह कर देना चाहते हैं के हम उसके शोर से निजात पा सके 

अगर इस मुरगे को जबह होंने के बाद उसकी जगह और मुर्गे आ गए तो फिर हम क्या करेंगे क्योंकि यह दुनिया ऐसे करोड़ों मुर्गोसे भरी पड़ी है क्या यह अच्छा होगा कि हम इस मुर्गे को ही अपने दिमाग से उतार कर फेंक दें जमीन पर मौजूद सारे मुर्गों को तो पूरी दुनिया से बाहर नहीं फेंक सकते अगर हम सारे मुर्गों को दुनिया से फेंकने की ताकत नहीं रखते 

islamic story in hindi-तो अपने कानों को बंद कर लेने की आदत क्यों नहीं डालते हम अपने एहसास को ऐसी बातों से दूर क्यों नहीं कर लेते हम अपने आसपास एक दीवार खड़ी क्यों नहीं कर लेते जो हमारे नापसंद  चीजों से हमें दूर कर दे मेरे मोहतरम अजीजो अगर आप को तरक्की करनी है तो एक ऐसी दीवार खड़ी करनी होगी जो लोगों की मन की बातें आप तक पहुंचने ना दे 

दुनिया में जितने भी कामयाब लोग हैं उन्होंने अपना आसपास ऐसी दीवार खड़ी की होती है जो उन तक लोगों के मन की बातें उन तक पहुंचने नहीं देती वह लोग यह बिल्कुल भी परवाह नहीं करते के लोग उनके बारे में क्या सोचते हैं लोग उनके बारे में क्या बातें करते हैं या लोग उनके बारे में क्या सोचते थे उनको सिर्फ और सिर्फ अपने  मकसद दिखाई देते हैं 

अगर आपको भी तरक्की करनी है तो आपको लोगों की मन की बातों को इससे दूर करना होगा क्योंकि वह सक्स कभी भी तरक्की नहीं कर सकता जिस पर लोगों की बातें असर करती हो उम्मीद करता हूं कि आप लोगों को यह कहानी पसंद आई हो

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