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एक बादशाह जिसकी कई बीवियां थी सबक आमोज़ वाक्या | In hindi

एक बादशाह जिसकी कई बीवियां थी सबक आमोज़ वाक्या | In hindi
एक बादशाह जिसकी कई बीवियां थी सबक आमोज़ वाक्या 


Muslim Story –दोस्तों आजकल हम लोग दुनिया की भाग दौड़ में अल्लाह को भूल चुके हैं हर वक्त पैसो के पीछे भागते रहते हैं और सोचते हैं की इतनी भागदौड़ और मेहनत के बावजूद हमारे हाथ में कुछ नहीं आता और हम जिंदगी से मायूस हो जाते हैं और अल्लाह से दूर होने लगते हैं और दुनिया की गफलत में खो जाते हैं 


 Muslim Story –जबकि इंसान जब पैदा होता है तब से लेकर मरने तक अल्लाह ताला ने उसकी किस्मत की रोजी लिख दी होती है दोस्तों आज हम आप लोगों को ऐसी ही एक कहानी सुनाने जा रहे हैं जिसे सुनकर आप लोगों को अल्लाह की रहमत की अहमियत मालूम होगी और आप कभी भी अल्लाह की रहमत से मायूस नहीं होंगे

सुबकतगीन बादशाह अपनी एक बीवी से बहुत ज़्यादा मुहब्बत करता था,

 Muslim Story –एक बार दूसरी बीवियों ने उससे कहा कि आप अपनी एक बीवी से सब से ज़्यादा मुहब्बत रखते हैं हालाँकि हुस्नो जमाल में हम उससे ज़्यादा हैं, समझदारी में भी हम उससे ज़्यादा हैं। आख़िर उसमें कौन सी ऐसी ख़ास बात है, जो हम में नही हमें तो उसके अंदर कुछ नज़र नहीं आता मगर आप की मुहब्बत की निगाह जो उस पर उठती है वो किसी दूसरी बीवी पर नहीं उठती, आख़िर क्या वजह है? बादशाह ने कहा अच्छा मैं किसी दिन इसका जवाब तुम सब को दे दूँगा। उसके बाद उसकी बीवियाँ ये बात भूल गयीं।

एक दिन सुबकतगीन ने अपने घर के सहन में बैठकर कहा, 

 Muslim Story –आज मैं अच्छे मूड में हूँ, इसलिए मैं चाहता हूँ कि मैं तुम में से हर एक को अच्छे अच्छे ईनाम से नवाजूँ वे यह बात सुनकर खुश हुईं कि आज हमें शाही ख़ज़ाने से ईनाम मिलेगा। सहन में सोने चाँदी और जवाहरात के ढेर लगा दिए गए। बादशाह ने सबको बुलाकर कहा कि इस सहन में जो चीजें पड़ी हुई हैं उनमें से जिस चीज़ पर जो बीवी हाथ रख लेगी उसको वह चीज़ ईनाम के तौर पर दे दी जाएगी

चुनाँचे जिस वक़्त मैं इशारा करूं तुम दौड़कर अपनी पसंद की चीज़ पर हाथ रख लेना । बीवियाँ तैयार हो गयीं और उन्होंने अपनी-अपनी पसंद की चीज़ों पर निगाह जमा लीं। किसी ने याकूत के ऊपर, किसी ने हीरें के ऊपर, किसी ने सोने के ऊपर, किसी ने चाँदी के ऊपर 

बादशाह ने इशारा किया तो बीवियों ने दौड़कर, 

 Muslim Story –अपनी अपनी पसंदीदा चीज़ों पर हाथ रख लिए लेकिन वह बीवी जिस पर उसकी मुहब्बत की ख़ास नज़र रहती थी वह अपनी जगह खड़ी रही। जब सबने देखा कि हमने कीमती चीज़ों पर हाथ रख लिए मगर इसने किसी चीज़ पर हाथ नहीं रखा तो वे हँसने लगीं और बादशाह से कहने लगीं बादशाह! सलामत हम कहा करते थे कि यह बेवकूफ है 

और इसके अंदर अक़्ल की कमी है और आज़ इसकी अक्ल की कमी खुलकर सामने आ गई। यह तो बस सोचती रही लिहाज़ा आज इसके पल्ले कुछ नहीं आएगा । बादशाह ने उससे पूछा ऐ अल्लाह की बंदी! तूने किसी चीज़ पर हाथ क्यों नहीं रखा वह कहने लगी बादशाह सलामत ! मैं पूछना चाहती हूँ कि आपने यही कहा है न कि आज जो जिस चीज़ पर हाथ रखगी वह चीज़ उसकी हो जाएगी। बादशाह ने कहा हाँ यही तो मैंने कहा है। 

उसने यह सुना तो आगे बढ़ी और बादशाह के कंधे पर हाथ रख दिया और कहने लगी बादशाह सलामत ! जब आप मेरे हो गए तो सारा ख़ज़ाना मेरा बन गया। बादशाह ने उसकी यह बात सुनकर अपनी दूसरी बीवियों से कहा कि देखो इस की अक्लमंदी और मुहब्बत की वजह से मैं इससे ज्यादा मुहब्बत करता हूँ। 

दोस्तों इसी तरह जब इंसान मुहब्बते इलाही को थाम लेता है तो काएनात की चीजें उसके लिए आसानी (काबू में) हो जाती हैं।

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