islamic moral story |
बोहोत साल पहले की बात है एक बादशाह था जिसकी एक बोहोत खूबसूरत बेटी थी वो लड़की अपनी खूबसूरती और दौलत की वजह से बोहोत घमंडी हो गई थी कहीं से भी उसकी सादी के लिए रिस्ता आता तो वो उसे ठुकरा देती थी और उसका खूब मजाक बनाती थी
एक दिन बादशाह ने एक बोहोत बड़ी दावत रखी और उस में सहजादी से सादी करने वाले तमाम सहजादों को बुलाया सब लोग अपने अपने मर्तबे के हिसाब से कुर्सियों पर बैठ गए फिर सहजादी इस दावत में कई चीजों के साथ बोहोत घमंडी अंदाज में आई और वो जिस भी सहजादे के पास से गुजरती तो वो उसे बोहोत नीची नजरों से देखती
फिर वो एक सहजादे के पास पोहोंची जो बोहोत ज्यादा मोटा था तो सहजादी ने उसका मजाक उड़ाते हुए अपनी कनीज से कहा देखो ये तो आटे का बोरा है जब दूसरे सहजादे के पास पोहोची तो कहा के ये तो कोई खम्भा है और जब तीसरे सहजादे के पास गई तो कहा ये तो सफ़ेद चूहा है
- इसी तरह सहजादी हर सहजादे की बेज्जती करती रही लेकिन एक सहजादे को तो देख कर उसे बोहोत हसी आई क्यूंकि उसने दाड़ी रखी हुई थी सहजादी ने उसका मजाक उड़ाते हुए कहा के जरा देखो तो इसने कैसे अपने चेहरे पर घांस फुस ऊगा रखा है बादशाह ने जब ये देखा के कैसे मेरी बेटी मेहमानो का मजाक उडा रही है तो बादशाह को बोहोत गुस्सा आया और उसने ये भरे दरबार में एलान कर दिया के सहजादे पसंद करे या न करें लेकिन मैं इसकी सादी किसी गरीब या फ़क़ीर से करवाऊंगा इस एलान के बाद तमाम लोग वहां से चले गए
फिर कुछ देर बाद वहां एक भिखारी आया जो गली मोहल्ले में गाने गाया करता था फिर वो शाही महल के खिड़की के पास बैठ कर गाना गाने लगा जब बादशाह ने उसकी आवाज सुनी तो उसने अपने नौकर से कहा के उसको यहाँ बुला कर लाओ तो नौकर फटे पुराने कपडे वाले उस भिखारी को अंदर बुला कर ले आया फिर उस भिखारी ने सहजादी के सामने बोहोत अच्छा एक गाना गया और फिर बादशाह से इनाम माँगा तो बादशाह ने कहा तुमने बोहोत अच्छा गाना गाया है मैं तुम्हे बोहोत अच्छा इनाम दूंगा मैं अपनी बेटी की सादी तुम से करवाऊंगा
सहजादी ने जब ये सूना तो वो हैरान हो गई उसने बोहोत ज्यादा डरामा किया लेकिन बादशाह ने उसकी एक ना सुनी बादशाह ने उसे डाटते हुए कहा के मैंने मेहमानो के सामने ये वादा किया था के मैं तुम्हारी सादी किसी भिखारी से करूंगा अब मैं वो कसम पूरी कर रहा हूँ
- उसके बाद बादशाह ने उन दोनों का निकाह भी करवा दिया और कहा के अब तुम अपने सोहर के साथ जाने की तैयारी करलो सहजादी रोती पिटती उस भिखारी के साथ गई रास्ते में वो एक शिकार गाह के पास से गुजरी वो शिकार गाह बहोत बड़ी थी तो सहजादी ने भिखारी से पूछा के ये शिकार गाह किसकी है तो भिखारी ने कहा के मैंने सुना है के तुमने एक दाड़ी वाले का मजाक उड़ाया था ये शिकार गाह उसी दाड़ी वाले की है अगर तुम उस दाड़ी वाले से सादी कर लेती तो ये शिकार गाह तुम्हारी होती इसके बाद वो एक बड़े से बाघ में पोहोंची ये बाघ देख कर सहजादी ने पूछा के ये बाघ किसका है तो भिखारी ने कहा के ये बाघ भी उसी दाड़ी वाले का है फिर वो एक बड़े अजीमो सांन सहर में दाखिल हुई इतना बड़ा और खूबसूरत सहर देख कर सहजादी हैरान हो गई उसने पूछा के इस सहर का मालिक कोन है तो भिखारी ने कहा ये सहर दाड़ी वाले के मुल्ख में आता है अगर तुम उससे सादी कर लेती तो ये सब तुम्हारा होता सहजादी ने अफ़सोस करते हुए कहा के मैंने बोहोत बड़ी गलती करदी काश मैं उससे सादी कर लेती
तो भिखारी ने नाराज होते हुए कहा की मुझे उससे कोई मतलब नहीं मगर तुम मेरे होते हुए किसी दूसरे मर्द की बाते क्यूँ कर रही हो क्या मुझ में कोई कमी है इसके बाद वो एक छोटी सी झोपडी के पास पोहोंचे तो सहजादी ने कहा के कैसी बेकार और छोटी सी झोपडी है तो भिखारी बोला के ये मेरा घर है और यही वो जगह है जहाँ हमें जिंदगी गुजारनी है तो सहजादी बोली के तुम्हारा नौकर कहाँ है तो भिखारी बोला के हमें नौकरों से क्या काम तुम हर काम कर सकती हो चलो अब तुम आग जलाओ और मेरे लिए खाना बनाओ मैं बोहोत थक चूका हूँ
लेकिन सहजादी को खाना पकाना नहीं आता था तो भिखारी ने उसकी मदद की फिर कुछ देर बाद उन्होंने उल्टा सीधा खाना पका कर खा लिया और सो गए दूसरे दिन उसे भिखारी ने जगाया और घर का काम करने को कहा सहजादी पूरा दिन काम करती रही और उपर से भिखारी की डांट भी सुनती रही किसी तरह से उन्होंने कुछ दिन गुजार लिए एक दिन भिखारी ने कहा के मैंने जो कुछ कमाया था वो सब अब ख़त्म हो चूका है अब कमाने की बारी तुम्हारी है मैं तुम्हे लकड़ी ला कर देता हूँ तुम उससे टोकरियां बून लेना ये कह कर वो जंगल में गया और टोकरी के लिए लकड़ी काट कर ले आया
सहजादी ने टोकरी बनानी सुरु करदी उसने पहले कभी इस तरह का मेहनत वाला काम नहीं किया था इसलिए उसकी उँगलियाँ जख्मी हो गई और उनमे से खून निकलने लगा ये देख कर उसके सोहर ने कहा के तुम ये काम नहीं कर सकती मैं तुम्हे धागे ला कर देता हूँ तुम उससे कपडे बून लेना लेकिन वो ये भी ना कर सकी तो उसके सोहर ने कहा के तुम तो मेरे लिए बिलकुल भी काम की नहीं हो तुम तो कोई भी काम नहीं कर सकी तुम से सादी कर के मैं बर्बाद होगया ठीक है मैं कोर्सिस करता हूँ के तुम्हारे लिए मै मिट्टी के बर्तन ला दूँ तुम उन्हें बाजार में जाकर बेच दिया करो
इस बात पे घमंडी सहजादी ने कहा के जब मैं बाजार जाउंगी तो मेरे मुल्ख के लोग मुझे इस हाल में देख के मुझ पर बोहोत हसेंगे तो सोहर ने कहा के ये मेरा मसला नहीं है अगर तुम भूख से नहीं मरना चाहती हो तो तुम्हें ये काम करना ही पडेगा मिट्टी के बर्तन बेचने का काम बोहोत अच्छा चल रहा था लोग जब एक खूबसूरत लड़की को बाजार में बर्तन बेचते हुए देखते तो उस पर तरस खाकर उससे कुछ न कुछ खरीद लेते जब बर्तन बिक गए तो भिखारी ने और बर्तन लाकर दिए इसी दौरान एक सिपाही वहां से गुजरा तो उसने बर्तन लेकर उसमे लात मार कर तोड़ दिए और कहा के दुबारा तुम इस तरह से रास्ता मत घेरना एक तरफ बर्तन रख कर बेचना बिच रस्ते पर मत बेचना
सहजादी बोहोत परेशान हुई उसने सारा वाक्या घर आकर अपने सोहर से बताया सोहर ने कहा तुम बिलकुल पागल हो तुमसे किसने कहा था के तुम बर्तनो को ऐसे बिच बाजार में रख कर बेचो आखिर वहां से लोगों को निकलने में परेशानी होती होगी मुझे लगता है के तुम ये भी नहीं कर सकती ये तुम्हारे बस का काम नहीं है मैं शाही महल जाऊँगा हो सकता सायद तुम्हारे लायक कोई काम वहां मिल जाए ये कह कर वो शाही महल के लिए रवाना हो गया साम को वो वापस आकर कहा के तुम्हारे लिए शाही महल में मददगार बावर्ची की जगह मिल गई है
अब कम से कम हमें पेट भरके खाना तो मिल ही जाएगा इस तरह वो घमंडी सहजादी एक मदद गार बावर्ची बन गई वो रोज सुबह से साम तक बावर्ची खाने में रहती और रात को बचा हुआ खाना अपने घर ले आती इस तरह दोनों मियाँ बीवी का गुजारा होने लगा महल में आए हुए उसे कुछ ही दिन गुजरा था के उसने सूना के महल में कोई शाही प्रोग्राम है जब मेहमान आने सुरु हुए तो सहजादी बावर्ची खाने की खिड़की से उन्हें देखने लगी
गुलाम कीमती कपड़ो में मेहमानो का इस्तकबाल कर रहे थे हर तरफ सानो सोकत और धूम धाम नजर आरही थी लेकिन सहजादी अपनी किस्मत पर आंसू बहा रही थी और अपने तकब्बुर और बेवकूफी पर पचता रही थी उसी दौरान वहां कुछ कनीजें आई जिन्हो ने सहजादी को लजीज खाने दिए सहजादी ने उस खाने को टोकरी में रख लिए और घर की तरफ चल दी
अभी वो महल के दरवाजे से गुजर ही रही थी के अचानक बोहोत कीमती पोशाक पहने हुए एक आदमी ने उसका रास्ता रोका सहजादी ने जब उसकी तरफ देखा तो ये वही दाड़ी वाला बादशाह था जिसका उसने मजाक उड़ाया था
वो खौफ से कापने लगी बादशाह उसे लेकर महल में पोहचा इतने सारे लोगों को देख कर उसका अपने ऊपर काबू नहीं रहा और घबराहट में उसके हाथ से टोकरी गिर गई और उसमे से खाना निकल कर चारो तरफ बिखर गया तमाम दरबारी हसने लगे सहजादी का उस वक्त हाल ऐसा था के किसी तरह जमींन फट जाती और वो उसमे समां जाती उसने झटके से अपना हाथ छुड़ा लिया और भागना चाहती थी फिर बादशाह ने उसे दुबारा पकड़ लिया और नरमी से बोलै के डरो मत क्या तुम मुझे नहीं पहचान ती हो मैं वही भिखारी हूँ जो तुम्हारे साथ झोपडी में रहता था
और मैं वही सिपाही हूँ जिसने तुम्हारे बर्तन तोड़े थे ये सब कुछ मैंने तुम्हारे लिए इसलिए किया क्यूंकि मैं तुम्हें पसंद करता था और तुमसे सादी करना चाहता था अब तुम्हारे घमंड का इलाज हो चूका है मैं वही भिखारी हूँ जिसके साथ तुम रहा करती थी अब तुम्हे अच्छा सबक मिल गया है पिछली बातों को भूल जाओ और देखो हमारी सादी की तैयारियां हो रही है
उसी वक्त कनीजें आई और उसे अपने साथ ले गई फिर सहजादी को नेहला कर उसे दुल्हन का लिबाज पहनाया गया फिर जब वो दोबारा वहां आई तो देखा के उसके माँ बाप और तमाम दरबारी वहां मौजूद थे लोगो ने उसे मुबारक बाद दी उस वक्त सहजादी बिलकुल बदल गई थी उसका गुरुर उसका घमंड सब ख़त्म हो चुका था उसने जिंदगी गुजारने का ढंग सिख लिया था
सबक
दोस्तों हालात जैसे भी हों इंसान को कभी तकब्बुर और घमंड नहीं करना चाहिए अल्लाह ताला का हमेसा शुक्र अदा करना चाहिए