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एक किसान और उसका गधा | ek kisan aur uska gadha motivationel storys | in hindi

एक किसान और उसका गधा | ek kisan aur uska gadha motivationel storys | in hindi

 

बोहोत मुद्दत पहले की बात है कि एक गांव में एक किसान रहा करता था जो बड़ा ईमानदार और बड़ा मेहनती इंसान था (hindi motivationel storys) किसान के खानदान में उसकी बीवी और उसका एक बेटा रहा करते थे किसान सारा दिन खेतो में हल चलाता खेती बाड़ी करता और अपने खानदान का पेट पालता खेतो में हल चलाने के लिए किसान ने एक गधा पाल रख्खा था 


जीसके जरिये वो खेतो में हल चलाता एक दिन किसान और उसका बेटा खेतों में हल चला रहे थे तो उनके बेटे ने देखा के उनके दोस्त मेला देखने के लिए अपने मां बाप के साथ जा रहे थे तो किसान के बेटे ने अपने बाप से कहा के बाबा मुझे भी मेला देखने जाना है किसान ने अपने बेटे को समझाया और कहा के बेटा मेला देखना हमारा काम नहीं है हम सारा दिन खेतों में मजदूरी करते हैं ताके अपना पेट पाल सकें 


मेला देखना और ऐसी जगहो पर जाना अमीर लोगों का काम है लेकिन बेटा बहुत जिद्दी था तो उसने अपने बाप से कहा कि बाबा मुझे हर हाल में मेला देखने जाना है क्योंकि मेरे सारे दोस्त जा रहे हैं इसलिए मैं भी जाना चाहता हूं किसान ने पहले अपने बेटे को बहुत समझाया लेकिन जब उसका बेटा नहीं माना तो किसान अपने बेटे के जिद के आगे हार मान गया 


फिर उसने अपने बेटे से कहा के ठीक है चलेंगे फिर वह किसान अपने बेटे को साथ लेकर घर लौट आया और अपने बेटे को अच्छे कपड़े पहनाए और गधे पर बिठा दिया और उस गधे को साथ लेकर मेले की तरफ रवाना हो गए गर्मी का मौसम था और मेला काफी दूर था किसान ने अपने बेटे को गधे पर बिठाया और खुद पैदल चल दिया अभी वह अपने गांव से थोड़ी दूर ही गए थे 


के दो आदमी उनको (hindi motivationel storys) अपनी तरफ आते हुए दिखाई दिए जब वह दो आदमी उन बाप बेटों के पास से गुजरे तो उन्होंने कहा के देखो तो कितना बुरा जमाना आ गया है बेटा तो खुद गधे पर मजे से बैठा है और बूढ़ा बाप बेचारा पैदल चल रहा है आजकल के नौजवान अपने मां बाप की कोई इज्जत ही नहीं करते ऐसी औलाद से तो बेहतर है के अल्लाह ताला किसी को औलाद ही ना दें यह बातें करते हुए वह लोग इनके पास से गुजर गए 


किसान ने थोड़ी देर सोचा फिर अपने बेटे को गधे पर से उतारा और खुद गधे पर बैठ गया अब थोड़ा सा आगे ही गए थे के एक कुए पर कुछ औरतें पानी भर रही थी जब उन्होंने उन बाप बेटों को देखा तो कहने लगी अल्लाह देखो तो सही क्या जमाना आ गया है बाप तो मजे से गधे पर सवार है और बेटे को पैदल चलवा रहा है कितना बेरहम बाप है दिल में जरा भी रहम नहीं आता


किसान जब उनके पास से गुजरा तो गधे पर से उतर गया अब हु आर यू के किसान और उसका बेटा दोनों पैदल चलने लगे अब थोड़ी दूर और गए थे के रास्ते में उन्हें कुछ लकड़हारे लकड़ियां काटते हुए दिखे उन्होंने जब बाप बेटे को देखा तो आपस में कहने लगे के देखो तो कितने बेवकूफ लोग हैं गधा इनके पास मौजूद हैं फिर भी पैदल चल रहे हैं इन लोगों में तो जरा भी अकल नहीं


अब किसान बेचारा इनकी बातें सुनकर एक मर्तबा फिर परेशान हो गया के आखिर हम करें तो क्या करें आखिर बहुत देर तक सोचने के बाद किसान और उसका बेटा दोनों गधे पर बैठ गए और दोबारा मेले की तरफ चल दिए अब थोड़ी और दूर चले थे के रास्ते में कुछ नौजवान उनकी तरफ आते हुए दिखाई दे रहे थे जब वह उनके पास पहुंचे तो वह नौजवान आपस में कहने लगे 


के देखो तो सही (ek kisan aur uska gadha) कितने बेरहम लोग हैं गधा एक है और दो दो लोग गधे पर बैठे हुए हैं और ऊपर से इतनी गर्मी है इनको बिल्कुल भी इस गधे पर रहम नहीं आ रहा यह गधा तो जरूर है लेकिन इसे भी अल्लाह ही ने बनाया है यह सुनकर किसान बेचारा फिर सर पकड़ कर बैठ गया कि आखिर इस मसले का क्या हल निकाले कुछ देर सोचने के बाद


किसान ने गधे को चारों टांगों से बांध दिया और फिर दोनों बाप बेटे ने गधे को सिर पर उठा लिया और दोनों बाप बेटे पैदल ही मेले की तरफ रवाना हो गए मैंने के करीब ही पहुंचे थे के वहां पर एक नदी गुजरती थी और उस पर एक पुल था किसान और उसके बेटे को जब पुल पार करके मेले की तरफ जाना था जब वह पुल के पास पहुंचे तो गधा बेचारा डर गया 


और उनसे पीछा छुड़ाने लगा इतने में क्या था के किसान और उसका बेटा उस गधे को संभाल नहीं पाए गधा उनके कंधों से फिसल कर उस नदी में जा गिरा और वह गधा बेचारा वही मर गया अब किसान बेचारे का सारा सरमाया वही एक गधा था उसका बेटा और किसान दोनों सर पकड़ कर रोने लगे के अब वह खेतों में हल कैसे चलाएंगे


सबक

मोहतरम दोस्तों हमारे मुआशरे में कोई चीज सस्ती हो या ना हो लेकिन एक चीज बहुत सस्ती है वह यह है के हर कोई आपको ज्ञान देता है आप कोई भी काम शुरू करना चाहते हैं तो आप देखिएगा के हर कोई आपको नए-नए मशवरे देने लगेगा 


कोई कहेगा के ऐसाकरो कोई कहेगा के वैसा करो लेकिन हकीकत बात तो यह है के इनमें से अक्सर लोगों को इस काम से कोई लेना देना नहीं होता जीस काम के लिए वह आपको मशवरा दे रहे हो तो लिहाजा बेहतर यही है के आप सुनो सबकी मगर करें अपने मन की आप हर किसी का मशवरा सुने लेकिन करें वही जो आपका मन कहे


 एक कफन चोर का वाक्या

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