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islamic story in hindi |
﷽
शुरू अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है
कोलेज से आते हुए मैंने एक भिखारी को देखा जो तेज धूप में बैठा था, जिसके न तो हाथ थे और न ही पैर जिस पर कई मधुमक्खियां बैठी थीं और वो उन्हें उड़ा भी नहीं सकता था थोड़ी देर बाद मुझे पता चला कि वो न तो बोल सकता था और न ही सुन सकता था,
वो भीख माँगने बैठा था, लेकिन आवाज़ देकर मांग भी नहीं सकता था।
मैं उसकी तरफ देखता रहा और सोचता रहा कि इस भिखारी की जगह अगर मैं होता
ऐसा हो सकता था तो मैं उसकी जगह क्यों नहीं..??
मैंने कभी ऐसा कुछ नहीं किया जिसकी वजह से मैं इस हालत में नहीं हूं.. आखिर में इस जगह पर क्यों नहीं..??
अल्लाह ने मुझे ऐसा क्यों नहीं बनाया..??
अगर मैं जीवन भर भी सजदे में पड़ा रहूं, तो भी मैं उसका सुक्र अदा नहीं कर सकता।
मुझे हाथ, पैर, आंख, कान, सब कुछ अल्लाह ने दिया है अगर वो चाहता तो मुझे इस दुनिया में हर चीज़ से लाचार कर देता लेकिन अल्लाह मुझ पर हमेशा मेहरबानियां करता रहा है।
इतनी मेहरबानी के बाद भी मैं शुक्रगुजार क्यों न होऊं जिन आँखों से मैं देख सकता हूँ जिस जुबां से बोल सकता हूँ जिन हाथों को मैं दुआ के लिए उठा सकता हूं क्यों न हम अल्लाह के दिए हुए हर नेमत के लिए शुक्र अदा करें..??
और सुक्र अदा करने का सबसे अच्छा तरीका ये है कि हम आज से ही अल्लाह की इबादत करें और रसूल अल्लाह (ﷺ) की सुन्नतों पर अमल करें
अल्लाह ताला हम सब को अच्छे अमल करने की तोफिक अता फरमाए
इस पोस्ट के बीच में ब्रा और पैंटी पहने लड़कियों की फोटो आती है, या तो advertisement हटा दीजिए या कैसी Advertisement आयेंगे इसे कंट्रोल कीजिए। इन फोटो को देख कर बुजू ख़त्म
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